आपने अक्षर टीवी और फिल्मो में देखा होगा, की अगर फीमेल को उलटी आरही है , चक्कर आरहे है या उसका कुछ खट्टा खाने का मन कर रहा है तो उसका मतलब हे की वो प्रेग्नेंट है। लेकिन ऐसा नहीं होता है । आज हम बात करेंगे प्रेगनेंसी के शुरुआती के कुछ ऐसे आठ लक्षणों के बारे में।
प्रेगनेंसी के कुछ शुरुआती ८ लक्षण
पहला है ब्लड स्पॉट।
जब आपका एग फर्टाइल होता है तो वह फैलोपियन ट्यूब से निकलकर यूट्रस में आता है और यहां पर एंडोमेट्रियम लाइन को खरीदता है ताकि वह अपने लिए जगह बना सके। ऐसे में आपको हल्की सी ब्लीडिंग या स्पॉटिंग हो सकती है और अगर आपका एग फर्टाइल हुआ है तो ही यह होगा। इसलिए हर महिला को थोड़ा ध्यान देना चाहिए कि उनको स्पॉटिंग हुई है या नहीं। क्योंकि यह इतनी हल्की होती है कि कई बार ध्यान न दें तो आपको पता भी नहीं चलता।
दूसरा है मॉर्निंग सिकनेस।
प्रेगनेंसी के नौ महीनों को तीन हिस्से में बांटा गया है। शुरुआती तीन महीने को मॉर्निंग बोलते हैं इसलिए इसको मॉर्निंग सिकनेस बोलते हैं। तो इसमें जब आप सोकर उठेंगे तो आपको लगेगा कि आपको उल्टी आ रही है, मतली जैसी फीलिंग होगी और आपको कुछ भी अच्छा नहीं लगेगा।
तीसरा है फूड टेस्ट चेंज
जब आप प्रेगनेंसी कंसीव करती हैं तो आपको या तो बिल्कुल भी भूख नहीं लगती या आपको भूख बहुत ज्यादा लगने लगती है। इसका कारण है शरीर में होने वाले हार्मोनल चेंजेस। ऐसे में आपको वो चीजें जो पहले बिल्कुल पसंद नहीं थी हो सकता है वो पसंद आने लगे और जो चीजें पसंद थी वो हो सकता है आपको बिल्कुल भी अच्छी ना लगे। इसके अलावा आपको खाने से गंध आने की समस्या भी हो सकती है।
चौथा है मिर्च पीरियड।
देखिए ये तो होना ही है कि आपके पीरियड मिस होंगे। तभी पीरियड के मिस होने के 10 दिन के बाद आप अपना प्रेगनेंसी टेस्ट करें और आपकी प्रेगनेंसी कन्फर्म हुई है या नहीं। इसी से बिल्कुल सही सही पता चलेगा। इसमें आपके शरीर में hCG के लेवल की जांच होती है जो प्रेगनेंसी के टाइम अपने आप बढ़ जाता है।
अब बात करते हैं कुछ ऐसे प्रेगनेंसी के सिम्टम्स की जो कुछ महिलाओं में दिखाई देती हैं
सबसे पहला है स्किन डार्कनेस
प्रेगनेंसी के शुरुआती समय में आपके शरीर में हार्मोनल चेंजेस होते हैं जिसकी वजह से आपकी स्किन बहुत सेंसिटिव हो जाती है। आपको अपने चेहरे पर काले काले धब्बे दिखाई दे सकते हैं और आपके आंखों के नीचे डार्क सर्कल भी हो सकते हैं। आपको सूरज की रोशनी से काफी परेशानी होगी और सूरज की रोशनी में आपको अपनी स्किन जलने जैसी फीलिंग आएगी।
दूसरा है मूड स्विंग्स।
प्रेगनेंसी कंसीव होते ही आपके व्यवहार में कई सारे चेंजेस आ जाते हैं क्योंकि शरीर में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का लेवल बहुत बढ़ जाता है तो ऐसे में आपको मूड स्विंग्स होंगे। ऐसे में हो सके तो अपने फैमिली मेंबर्स के पास रहें ताकि आपको मूड स्विंग से थोड़ा सा आराम मिल सके।
तीसरा है सरदर्द।
प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में सरदर्द होना बहुत ही आम समस्या है क्योंकि इस समय आपके शरीर में खून का प्रवाह तेज हो जाता है ताकि आपके गर्भ तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। जिसकी आपके दिमाग को आदत नहीं होती तो आपको शुरुआती दिनों में सरदर्द हो सकता है और समय के साथ यह अपने आप ठीक होता चला जाता है।
चौथा और आखिरी लक्षण है वाइट डिस्चार्ज।
प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में कई महिलाओं को व्हाइट डिस्चार्ज होता है जो कि बहुत ज्यादा नॉर्मल है।
इस सब लक्षण के बाद भी प्रेगनेंसी है या नहीं यह तो हंड्रेड परसेंट तब तक कन्फर्म नहीं होता जब तक आप अपनी प्रेगनेंसी किट से टेस्ट ना कर लें तो प्रेगनेंसी टेस्ट ज़रूर करें।
प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए ?
प्रेगनेंसी टैस्ट हमेशा पीरियड मिस होने के बाद ही करना चाहिए। तभी आपको क्लियर रिजल्ट मिलता है। उससे पहले अगर आप टेस्ट करते हैं तो आपको या तो इनवैलिड रिजल्ट शो होगा या फिर हल्की लाइन होगी जिससे कुछ क्लियर नहीं होगा।
प्रेगनेंसी टेस्ट करने का तरीका क्या है ?
प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें। प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए सबसे पहले आपको एक प्रेगनेंसी टेस्ट किट खरीद करनी होगी। आप कोई भी प्रेगनेंसी टेस्ट किट परचेज कर सकते हैं। किट में आपको दो चीजें मिलती हैं। एक तो आपको इसमें ड्रॉपर मिलता है और एक किट मिलती है ड्रॉपर से आप यूरीन को इस किट पर डालेंगे और किट में आपको रिजल्ट शो होता है। प्रेगनेंसी टेस्ट करने से पहले आपको दो चीजें हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए। सबसे पहली चीज तो यह कि हमेशा पीरियड मिस होने के बाद ही आपको टेस्ट करना है। अगर आप उससे पहले करते हैं तो फिर आपको इनवैलिड रिजल्ट भी शो हो सकता है। दूसरी चीज यह है कि यूरीन हमेशा मॉर्निंग का होना चाहिए तभी आपको क्लियर रिजल्ट शो होगा। पहली किट है जिसमें रिजल्ट शो होता है। दूसरा यह ड्रॉपर है, जिसकी हेल्प से आप यूरीन को इस पर यहां डालते हैं। उसके बाद यहां पर रिजल्ट शो होता है। सबसे पहले आपको किसी पॉट में यूरीन लेना है। यूरीन हमेशा मॉर्निंग का ही होना चाहिए। अगर आपने शाम का या दोपहर का लेते हैं तो उसमें एचसीजी काफी कम मात्रा में होता है। असल में जो किट है यह एचसीजी के प्रिंसिपल पर काम करती है।
सबसे पहले ड्रॉपर की हेल्प से यूरिन लेना है और उसकी तीन बूंदे आपको यहां किट पे डालनी हे । और यहां पर रिजल्ट शो होना शुरू हो जाएगा। आपको कभी कभी इसके लिए फाइव मिनट का भी वेट करना पड़ सकता है वरना एक मिनट के अंदर अंदर ही यहां पर रिजल्ट शो हो जाता है। इस कार्ड में दो लाइन शो होती है। पहली लाइन यह बताती है कि कार्ड सही से वर्क कर रहा है और जो दूसरी लाइन होती है वह आपका रिजल्ट बताती है कि प्रेगनेंसी है या नहीं। अगर आपके एक लाइन शो हो रही है तो इसका मतलब यह है कि प्रेगनेंसी नहीं है। लेकिन अगर यहां पर दो लाइन शो होती है तो उसका मतलब होता है कि रिजल्ट पॉजिटिव है और अगर यहां पर एक लाइन डार्क शो होती है और एक हल्की गुलाबी शो होती है तो उसका मतलब भी रिजल्ट पॉजिटिव होता है। और वह जो हल्की शो होती है वह इस वजह से शो होती है क्योंकि यूरीन में एचसीजी का लेवल काफी कम होता है। इस वजह से यहां पर एक लाइन हल्की होती है, लेकिन वह भी पॉजिटिव रिजल्ट ही होता है। अगर यहां आपके कार्ड में एक लाइन भी शो नहीं होती है तो इसका मतलब यह है कि आपका कार्ड खराब है और यह सही से वर्क नहीं कर रहा है। तब आपको दूसरा कार्ड यूज करना चाहिए। लेकिन अगर एक लाइन यहां पर सही हो रही है तो इसका मतलब यह है कि कार्ड बिल्कुल सही काम कर रहा है।
धन्यवाद ।